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चलना काफी है || आचार्य प्रशांत, संत कबीर पर (2014)

2019-11-27 4 Dailymotion

वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />२८ सितम्बर २०१४<br />अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा<br /><br />प्रसंग:<br />मारग चलते जो गिरे, ताको नाही दोष ।<br />कहै कबीर बैठा रहे, ता सिर करड़ै कोस ॥ (संत कबीर)<br /><br />प्रसंग:<br />मारग चलते जो गिरे, ताको नाही दोष | इस पंक्ति का क्या आशय है?<br />संत कबीर के दोहे को कैसे पढ़े?<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते

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